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Womens Day Speech in Hindi : Happy International Women's Day 2021 Quotes, Wishes, SMS, Messages, Pics


Published on Mar 04, 2023

Womens Day Speech in Hindi : Happy International Women's Day 2021 Quotes, Wishes, SMS, Messages, Pics

Womens Day Speech in Hindi : International Women's Day (IWD) is celebrated on 8 March around the world. It is a focal point in the movement for women's rights.

The United Nations began celebrating the day in 1977. Commemoration of International Women's Day today ranges from being a public holiday in some countries to being largely ignored elsewhere.




Womens Day Speech in Hindi

जैसा कि आप सब जानते हैं कि आज इंटरनेशनल वूमेन डे है। यह पूरी दुनिया में महिलाओं को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। आज देश, दुनिया, भाषा, संस्‍कृति और रहन-सहन की सीमाओं से परे आज पूरे विश्‍व की महिलाएं एक हैं। हर साल 8 मार्च को मनाया जाने वाला इंटरनेशनल वूमेन डे की इंर्पोटेंस लगातार बढ़ रही है। आज यह एक तरह की रस्म बन गई है। यह महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा, प्रेम और आदर दर्शाने का अवसर है। आप सभी को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि यह आजकल देश के लगभग सभी कॉलेजों और स्कूलों में भी महिला दिवस मनाया जाता है। जो युवाओं के दिमाग को उनके बचपन से ही महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी देखभाल करना सिखाता है। यह कुछ स्कूलों में महिलाओं के सशक्तिकरण, समाज में उनकी स्थिति और उनकी उपलब्धियों के ज्ञान और जागरूकता फैलाने के क्रम में पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा है।

वहीं आपको पता होना चाहिए कि हालात पहले से जरूर बदले हैं। लेकिन यह अभी तक पूरी तरह से नहीं बदल पाया है। महिलाओं की सुरक्षा अभी भी हमारे देश में एक बहुत बड़ा सवाल है। ऐसे में हमें इस टॉपिक पर सोचना चाहिए। इस समस्या से निपटने के लिए मिलकर एक ठोस कदम उठाना चाहिए। वहीं आज की महिला अब एक डिपेंडेट नारी नहीं रही है। वह अब काफी हद तर सेल्फ डिपेंडेट हो गई है। और हर चीज करने में सक्षम है। चलिए उनके अस्तित्व के महत्व को पहचानें और फ्यूचर की उपलब्धियों के लिए उन्हें इंसपायर करें।

कुछ क्षेत्रों में, यह दिवस अपना राजनीतिक मूलस्वरूप खो चूका है, और अब यह मात्र महिलाओं के प्रति अपने प्यार को अभिव्यक्त करने हेतु एक तरह से मातृ दिवस और वेलेंटाइन डे की ही तरह बस एक अवसर बन कर रह गया हैं। हालांकि, अन्य क्षेत्रों में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए अभी भी इसे बड़े जोर-शोर से मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं। सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।

इतिहास

अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले २८ फ़रवरी १९०९ को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। १९१० में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।

१९१७ में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक १९१७ की फरवरी का आखिरी इतवार २३ फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन ८ मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये ८ मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

प्रसिद्ध जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा ज़ेटकिन के जोरदार प्रयासों के बदौलत इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने साल 1910 में महिला दिवस के अंतर्राष्ट्रीय स्‍वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलीडे को सहमति दी। इस फलस्‍वरूप 19 मार्च, 1911 को पहला IWD ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में फाइनली बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।

आधुनिक संस्कृति में

अफ़ग़ानिस्तान,[6] अंगोला, आर्मेनिया, आज़रबाइजान, बेलारूस, बुर्किना फासो, कंबोडिया, चीन (केवल महिलाओं के लिए), क्यूबा,जॉर्जिया, गिन्नी - बिसाउ, इरीट्रिया, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, मकदूनिया (केवल महिलाओं के लिए), मडागास्कर (केवल महिलाओं के लिए),] माल्डोवा, मंगोलिया, नेपाल (केवल महिलाओं के लिए), रूस, ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, यूगांडा, यूक्रेन, उज़्बेकिस्तान, वियतनाम, और ज़ाम्बिया में यह दिन एक आधिकारिक अवकाश के रूप में रहता है।[

कुछ देशों में, जैसे कैमरून, क्रोएशिया, रोमानिया, मोंटेनेग्रो, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया, बुल्गारिया और चिली में इस दिन कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, हांलाकि फिर भी इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस दिवस पर पुरुष प्रायः अपने जीवन में उपस्थित महिलाओं जैसे दोस्तों, माताओं, पत्नी, गर्लफ्रेंड, बेटियों, सहकर्मियों आदि को फूल या कुछ उपहार देते हैं। कुछ देशों में (जैसे बुल्गारिया और रोमानिया) यह दिन मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है, जहां बच्चे अपनी माताओं और दादी को उपहार भी देते हैं। कामकाजी दुनिया में महिलाएं: प्लैनेट 50-50 बाय 2030

स्कूल और कॉलेज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तरह मनाने के लिए अधिक से अधिक खुल रहे हैं। यह प्रगति का संकेत है, और वे छात्रों को महिलाओं का सम्मान और सम्मान करना सिखा रहे हैं। अगर स्कूल और कॉलेज इस दिवस को नहीं मनाते हैं, तो छात्र महिला दिवस का महत्व नहीं सीखेंगे।

महिला दिवस अब हर साल एक प्रथा बन गया है और हमारे आसपास की महिलाओं के लिए मनाया जाता है। ये सभी महिलाएं सम्मान, प्यार, देखभाल और खुशी की हकदार हैं।

महिलाओं का सशक्तिकरण एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसकी इन सभी महिलाओं को आवश्यकता है। दुनिया तब बेहतर जगह बन जाती है, जब महिलाओं को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। कई वर्षों से, महिलाओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।

पहले महिलाओं की भूमिका घरेलू कामों तक ही सीमित थी। कुछ महिलाओं सहित, सभी को यह विश्वास करने के लिए लाया गया था कि महिलाओं की भूमिका कार्यों तक सीमित है। इस विश्वास के कारण, महिलाएं काम करने के लिए बाहर नहीं गईं और न ही काम करने के बारे में सोचा।
हालांकि, कुछ दशकों बाद यह सोच बदल गई क्योंकि महिलाओं ने अलग-अलग चीजों की कोशिश करना शुरू कर दिया। महिलाओं को एहसास होने लगा कि वे भी करियर और भविष्य संवार सकती हैं। अधिक से अधिक महिलाओं ने नौकरी करना शुरू किया और अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में काम किया।


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